Logo
ब्रेकिंग
रामपुर सब स्टेशन का किसानों ने किया घेराव, बिजली कटौती और लापरवाही के खिलाफ फूटा आक्रोश Accident: बैतूल में बाइक सवार छात्रों को पिक अप ने टक्कर मारी,मौत,दो घायल Jwar scam: ज्वार खरीदी में बटाईदारों की जांच ठंडी, प्रशासन की सजगता से टला 60 करोड़ का घोटाला Cold wave:बैतूल में बढ़ी ठंड:तीन दिन में चार डिग्री गिरा पारा,आज 9 डिग्री तापमान दर्ज अब चोर मोबाइल,GPS नेटवर्क को जाम करने लगे,बैतूल में जैमर के साथ चोरी का प्रयास राहुल गांधी को भेंट की दीपाली ने अनोखी पेंटिंग,मिली सराहना बैतूल में आल इंडिया विमेंस क्रिकेट लीग शुरू,मंत्री कृष्णा गौर ने किया शुभारंभ दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने टक्कर में दो की मौत बैतूल-इंदौर हाईवे पर स्कॉर्पियो रेलिंग से टकराई, आर पार चीर दिया डिवाइडर ,तीन लोग घायल चार दिन में 8 डिग्री गिरा तापमान, बैतूल में ठंड ने दी दस्तक
Header Ad

डिलीवरी के बाद नर्सों ने महिला को पकड़ाई नवजात बच्ची, देखते ही निकली चीख… मच गया अस्पताल में हंगामा

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के सरकारी अस्पताल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां अस्पताल के अंदर नवजात बच्चों की हेराफेरी हो गई. मामला तब सामने आया जब मेहथा खारी की एक महिला को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला ने देर रात 3 बजे एक पुत्र को जन्म दिया और आशा कार्यकर्ता ने उसे वार्ड में भर्ती कराया. लेकिन जब आशा कार्यकर्ता घर चली गई, तो अस्पताल की नर्सों ने महिला के हाथ में एक बच्ची दे दी.

बच्ची को देख महिला घबरा गई और उसके मुंह से चीख निकल गई. फिर उसने तुरंत आशा कार्यकर्ता को फोन किया. महिला ने बताया कि उसे तो बेटा दिया गया था और उसने खुद उसे साफ करके आईसीयू में रखा था. इस खबर के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. मौके पर वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और जांच शुरू की गई.

एक न्यूज चैनल के मुताबिक, बुधवार देर रात रेशमा पति ज्ञान सिंह को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रात 3 बजे महिला ने बेटे को जन्म दिया. आशा कार्यकर्ता ने खुद अपने हाथों से बच्चे की सफाई की थी. डॉक्टरों ने जब बताया कि बच्चा कमजोर है तो उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया गया. लेकिन जब वह सुबह घर चली गई, तो अस्पताल के स्टाफ ने हेरा-फेरी कर दी. परिजनों के हंगामे के बाद अस्पताल के जिम्मेदारों ने गलती स्वीकार की और नवजात बेटे को वापस सौंप दिया.

अस्पताल में लापरवाही उजागर

इस घटना के बाद अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यह कोई मामूली मामला नहीं है क्योंकि नवजात बच्चों की हेराफेरी बेहद गंभीर अपराध है. कुछ लोगों का कहना है कि अस्पताल में डिलीवरी के लिए आने वाली महिलाओं को जो नॉर्मल डिलीवरी की बजाय डॉक्टर सिजेरियन करवाने के लिए डराते और उन पर दबाव बनाते हैं. अब पीड़ित परिजन इस मामले की शिकायत कलेक्टर हर्ष सिंह से करने की बात कह रहे हैं, ताकि लापरवाही बरतने वाले अस्पताल के जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सके और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.