मैनपुरी, लोकसभा उपचुनाव के कारण मैनपुरी में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। दिग्गज नेता प्रधानी के चुनाव की तर्ज पर डगर-डगर प्रचार कर रहे हैं। बावजूद इसके मतदाता चुप्पी साधे हैं। मतदाताओं की चुप्पी नेताओं को रास नहीं आ रही है और उनकी धड़कनें बढ़ी हैं। मैनपुरी लोकसभा सीट पर पांच दिसंबर को मतदान होगा। मतदान का समय नजदीक आते ही सपा और भाजपा ने पूरी ताकत चुनाव प्रचार में झोंक दी है। मैनपुरी के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब दिग्गज नेता डोर टू डोर सभाएं कर रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव हों या फिर भाजपा के डिप्टी सीएम और मंत्री सभी प्रधानी चुनाव की तरह एक-एक मतदाता से वोट मांग रहे हैं। नेताओं की ओर से चुनाव को लेकर जितनी सक्रियता दिखाई जा रही है मतदाताओं में उतनी ही निराशा नजर आ रही है। कुल मिलाकर मतदाता चुप्पी साधे हुए हैं। नेताओं को वह किस पार्टी का समर्थन करेंगे इसका रुझान नहीं मिल पा रहा है। इससे नेताओं की परेशानी और बढ़ गई है। 
ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाता इन दिनों खेतीबाड़ी के कार्य में व्यस्त हैं। यही कारण है कि वह चुनाव की ओर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। मौजूदा समय में खेतों में गेहूं की बुवाई आलू की रखवाई और धान की कटाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। करहल विधानसभा क्षेत्र के गांव भटाई निवासी मुकेश बाथम और नगला बाले गांव निवासी हुकुम सिंह पाल का कहना है कि चुनाव मैदान में सिर्फ दो ही प्रत्याशी है। इन्हीं दो में एक प्रत्याशी का चुनाव करना है। मतदान के साथ ही खेती का काम भी जरूरी है।
शहरी क्षेत्र में मतदाता हर दल के नेता को वोट का आश्वासन दे रहे हैं। जनसंपर्क और चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं का कहना रहता है कि वोट आपको ही देंगे। फिर चाहे वोट मांगने वाले सपा के नेता और और फिर भाजपा के। दरवाजे पर जो आया उसी को वोट देने का आश्वासन देकर खुश कर दिया।