माघ पूर्णिमा 16 फरवरी, बुधवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास में आने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर प्रात: काल किसी पवित्र नदी, सरोवर अथवा जलकुंड में स्नान करने से रोगों का नाश होता है। दान करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली तमाम बाधाएं दूर होती हैं। यहां तक शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि माघी पूर्णिमा पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हालांकि इस दिन कुछ विशेष कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। जैसे-

माघ पूर्णिमा के दिन सुबह देर तक न सोएं

माघ पूर्णिमा के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। इस दिन सूर्योदय से पहले उठे और पवित्र नदी में स्नान करें। अगर नदी की ओर से जाना संभव नहीं है तो घर में भी स्नान कर सकते हैं। इसके बाद पूजा-पाठ करें। इस दिन बाल, नाखून, आदि नहीं काटने चाहिए। शेविंग करने से भी बचें।

काले रंग वस्त्र धारण न करें

माघ पूर्णिमा पर काले वस्त्र धारण नहीं करें। ये अशुभ है। पीले, उजले या अन्य रंगों का प्रयोग कर सकते हैं। इस दिन किसी को भी भला-बुरा नहीं करें। नाराजगी को खुद से दूर रखें। घर में भी किसी प्रकार का कलह नहीं करें अन्यथा शांति भंग हो सकती है।

घर में बड़े-बुजुर्गों का अपमान न करें

इस दिन घर के बड़े-बुजुर्गों का भी अपमान नहीं करें। इससे पितरों की नाराजगी आपको झेलनी पड़ सकती है। इस दिन शारीरिक संबंध स्थापित न करें। मन को सात्विक चीजों में लगाएं।

घर में न रहे किसी भी तरह की गंदगी

इस दिन अपने घर को जरूर साफ रखें। किसी भी प्रकार की गंदगी घर में नहीं हो। इस बात का ध्यान रखें। खासकर पूजा स्थल पर साफ-सफाई रहनी बहुत जरूरी है।