कुंडली में अगर पितृ दोष हो, तो व्यक्ति का जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. निर्धनता, कलह-द्वेष से जीवन में अशांत हो जाता है. बता दें कि प्रत्येक माह में एक अमावस्या तिथि (Amavasya Tithi) आती है और अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित मानी गई है.

अगर आप अपने पितरों के लिए कोई शुभ काम करना चाहते हैं, या उनकी नाराजगी दूर कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो अमावस्या के दिन कर सकते हैं. इससे पितरों को काफी संतुष्टि मिलती है. और वे हमेशा अपने बच्चों पर आशीर्वाद बनाकर रखते हैं. वहीं अगर घर में पितृ दोष (Pitra Dosh) लगा है, जिसके कारण लंबे समय से तमाम परेशानियां झेल रहे हैं, तो इसका निवारण करने के लिए भी फाल्गुन अमावस्या तिथि बेहतर मानी गई है. फाल्गुन मास अमावस्या तिथि (Phalguna Month Amavasya Tithi) 2 मार्च को है. आगे पढ़ें क्यों लगता है पितृ दोष और पितृ दोष निवारण के लिए क्या उपाय करने चाहिए.

पितृ दोष दूर करने के लिए फाल्गुन अमावस्या के दिन ये उपाय करें

अमावस्या के दिन किसी गरीब को भोजन कराएं. इस बात का ध्यान रखें कि भोजन में खीर जरूर हो. भोजन कराने के बाद सामर्थ्य अनुसार दान देकर विदा करें.

गीता पढ़ना भी पितृ दोष को दूर करता है. यदि गीता पूरा पढ़ना संभव नहीं तो सातवें अध्याय का पाठ जरूर करें, इससे पितरों के कष्ट कम होते हैं. उनकी नाराजगी दूर होती है.

नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने से भी सूर्य को मजबूती मिलती है और पितृ दोष का प्रभाव कम हो जाता है.

अमावस्या के दिन पीपल का पेड़ लगाएं और उसकी देखभाल करेंं.

पीपल के वृक्ष को मीठा जल अर्पित करें और अमावस्या तिथि को सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध और दान करें.

पितृ दोष लगने का कारण क्या है ?

पितृ दोष क्यों लगता है कारण जानना चाहते हैं तो बता दें कि ज्योतिष के अनुसार वैसे तो पितृदोष लगने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें परिजनों का विधिवत अंतिम संस्कार या श्राद्ध न होना, अकाल मृत्यु, धर्मयुक्त आचरण न करना, पितरों का अपमान करना, धर्म कार्यो में पितरों को याद न करना, पीपल, बरगद, नीम जैसे पेड़ को काटना या कटवाना, नाग की हत्या करना या करवाना ये ऐसे कारण हैं जिससे पितृ दोष लग सकता है.