आगरा । सौतेली बेटी के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पिता को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सर्वजीत कुमार सिंह ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उसे 55 हजार रुपये अर्थ दंड से दंडित किया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपित के कृत्य से 12 साल की बच्ची कर जीवन प्रभावित हुआ। उसे मानसिक और शारीरिक पीड़ा से गुजरना पड़ा। बाप-बेटी का रिश्ता कलंकित हुआ है।सामाजिक मान-मर्यादा तार-तार होती है। समाज से बच्चियों की अस्मिता अक्षुण्ण रखने के लिए आवश्यकता है कि एेसे जघन्य अपराध करने वालों को कानून कड़ी से कड़ी सजा दे।घटना वर्ष 2013 की है। कोतवाली थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता की मां ने मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता के अनुसार उसके शौहर की मौत हो गई थी। जिससे उसे 12 वर्षीय बेटी है। परिवार ने उसका निकाह कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी युवक के साथ करा दिया। दूसरे शौहर से भी उसे दो बेटियां हैं। वह सुबह काम पर चली जाती थी। घर में आरोपित शौहर बेटियां रह जाती थीं।उसकी 12 वर्षीय बेटी 23 नवंबर 2013 को खुदक़ुशी करने के लिए बिजलीघर के पास रेलवे लाइन पर चली गई। वहां वादिनी के जीजा की नजर बालिका पर पड़ी तो उन्होंने स्कूल छोड़कर वहां रेलवे लाइन किनारे आने का कारण पूछा। जिस पर बेटी खुदकुशी करने की कहने लगी। जीजा के सूचना देने पर वादिनी मौके पर पहुंच गई।