लखनऊ । केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये बजट सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुखी आम बजट 2024-25, 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी संकल्पों को सिद्ध करने वाला है।
आम बजट 2024-25 ‘विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज है। इसमें अंत्योदय की पावन भावना, विकास की असीम संभावना और नवोन्मेष की नव-दृष्टि है। इस बजट में गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान समेत समाज के सभी तबकों के समग्र विकास का संकल्प, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दृष्टि और वंचित को वंचना से मुक्त कराने का रोडमैप है। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए प्रत्यक्ष कर प्रणाली के संबंध में नए प्राविधानों की घोषणा स्वागत योग्य है। ‘नए भारत’ को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और विश्व का ग्रोथ इंजन बनाने का मार्ग प्रशस्त करते इस लोक-कल्याणकारी बजट के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार एवं मा. केंद्रीय वित्त मंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन है।
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस बजट में युवाओं के रोजगार के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ये बजट भी नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा है। शुक्र है इंसान इन हालातों में भी जिंदा है। इसी प्रकार बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने केंद्रीय बजट 2024 को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का ये बजट भी पुराने ढर्रे पर है। ये बजट अच्छे दिन की उम्मीद वाला कम और मायूस करने वाला ज्यादा है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु श्अच्छे दिनश् की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है।
बसपा सुप्रीमों ने कहा कि देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव है। बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा? उन्होंने कहा कि देश का विकास व लोगों का उत्थान आंकड़ों के भूलभुलैया वाला न हो बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे और आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी है। सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।