नई दिल्ली । अफवाह फैलाना बुरी बात है, कई बार झूठी बातों से समाज और व्यक्ति का बहुत नुकसान होता है। एक गलत जानकारी तनाव व हिंसा की स्थिति बना सकती है। शेयर बाजार में भी कई बार अफवाह फैलने से आम निवेशकों को तगड़ा नुकसान होता है। अक्सर देखने में मिलाता हैं कि किसी कंपनी या शेयर के बारे में कोई पूर्वानुमान सामने आने से बाजार या स्टॉक में बड़ी गिरावट आने लगती है। इस मामले पर बाजार नियामक सेबी ने कड़ा रुख अपनाया है। सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने स्टॉक मार्केट में अफवाहों की वजह से स्टॉक की कीमत पर होने वाले असर से निपटने के लिए 21 मई को नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार, अगर किसी अनवेरिफाइड न्यूज या अफवाह की वजह से किसी स्टॉक में बड़ा बदलाव देखने को मिलता है, तब 24 घंटे के अंदर कंपनी को खबर को कंफर्म करना होगा। 
सेबी ने कहा कि कंपनी को लेकर किसी भी तरह की अफवाह सामने आने पर कंपनी को उस खबर पर तय समय अंदर अपनी स्थिति साफ करनी होगी। 24 घंटे के अंदर अफवाह की पुष्टि करने पर नियमों के तहत स्टॉक का ‘अन इफेक्टेड प्राइस ‘ माना जाएगा। अन इफेक्टेड प्राइस ‘ किसी स्टॉक का वहां स्तर होगा जो उस खबर या अफवाह के ना होने पर रहता है। दरअसल विलय एवं अधिग्रहण सौदों को अटकलों से बचाने के लिए सेबी ने इसतरह के मामलों में लेनदेन के लिए शेयर का मूल्य स्तर तय करने के लिए यह गाइडलाइंस जारी की। यह नियम 1 जून से बाजार में लिस्टेड टॉप 100 कंपनियों पर और दिसंबर 2024 से अगली 150 संस्थाओं पर लागू होगा। 
दरअसल किसी प्लेटफार्म के जरिए किसी कंपनी से जुड़ी कोई ऐसी खबर आती है, जिसके बाद उसके स्टॉक में तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलती है। हालांकि, बाद में कंपनियां उस खबर को खारिज कर देती हैं लेकिन तब तक आम निवेशकों को बड़ा नुकसान होता है। इसके बाद सेबी की यह गाइडलाइंस इन्वेस्टर्स के हितों की सुरक्षा करेगी।