क्वांट म्यूचुअल फंड ने पिछले कुछ साल में हैरतंगेज रिटर्न देकर निवेशकों के बीच पहचान बनाई। इस फंड हाउस में लाखों लोग सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए पैसे लगाते हैं। लेकिन, अब क्वांट म्यूचुअल फंड मुश्किलों में घिरता नजर आ रहा है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैपिटल रेगुलेटर सेबी ने फ्रंट रनिंग के आरोप में क्वांट म्यूचुअल फंड के खिलाफ कथित तौर पर कुछ एक्शन लिया है। इसमें ठिकानों की तलाशी और जब्ती ऑपरेशन चलाने की बात भी शामिल हैं। इस मामले पर क्वांट की सफाई भी आई है।

क्वांट ने अपने निवेशकों को भेजे एक नोट में कहा, 'हमारी पॉलिसी है कि हम मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी नहीं करते। लेकिन, हम अपने सभी हितधारकों के साथ पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन कुछ बिंदुओं को स्पष्ट कर रहे हैं।'क्वांट ने स्वीकार किया कि सेबी ने उससे इंक्वायरी की है। हालांकि, अपने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि वह एक रेगुलेटेड एंटिटी है और वह किसी भी 'रिव्यू' के दौरान कैपिटल रेगुलटर का सहयोग करना जारी रखेगी। उसने कहा कि हम जरूरत के मुताबिक सेबी जरूरी डेटा उपलब्ध कराते रहेंगे।

निवेशकों पर क्या होगा असर?

अभी क्वांट मामले की पूरी तस्वीर साफ नहीं है। लेकिन, अगर सेबी फंड हाउस के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाता है, तो इससे म्यूचुअल फंड की साख घटेगी। पिछले कुछ साल में म्यूचुअल फंड में निवेश जबरदस्त तरीके से बढ़ा है। इसकी बड़ी वजह मशहूर हस्तियों के जरिए इसका प्रमोशन है, जिससे लोगों का म्यूचुअल फंड पर भरोसा बढ़ा था।

लेकिन, किसी भी 'गड़बड़ी' का असर ओवरऑल म्यूचुअल फंड और SIP सेगमेंट पर दिख सकता है। इससे फंड हाउसेज की साख को धक्का लगेगा। इस सूरत में निवेशक म्यूचुअल फंड और SIP में निवेश कम या फिर बंद कर सकते हैं। वैसे भी पिछले कुछ समय में रिकॉर्ड संख्या में लोगों ने SIP बंद की है। इस तरह के घटनाक्रम से वह सिलसिला और जोर पकड़ सकता है।वहीं, फंड हाउस की बात करें, तो उनके सामने भी चुनौतियां बढ़ सकती हैं। अगर ज्यादा लोग एकसाथ अपनी सिप बंद करके पैसे निकालने लगें, तो इस फंड के सामने लिक्विडिटी की समस्या आएगी कि वह एकसाथ कैसे बहुत-से लोगों का पैसा लौटाएगी। अगर फंड हाउस ने लोगों का पैसा देने के लिए बिकवाली की, तो इससे शेयर मार्केट में गिरावट आने की भी आशंका रहेगी।

किन कंपनियों में क्वांट का निवेश?

अगर बड़ी कंपनियों की बात करें, तो क्वांट म्यूचुअल ने अपने AUM का अधिकतर हिस्सा रिलायंस इंडस्ट्रीज,जियो फाइनेंशियल, अडानी पावर, अरबिंदो फार्मा, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एलआईसी, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, पंजाब नेशनल बैंक, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और जिंदल स्टील एंड पावर में लगा रखा है। इसमें लगभग सभी आज लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं।क्वांट का अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज में सबसे अधिक 11.2 फीसदी का निवेश है। बाकी कंपनियों में उसने अपनी संपत्ति का 2 से लेकर करीब 7 फीसदी तक निवेश कर रखा है।