मानोरा में धूमधाम से निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, उमड़े श्रद्धालु
विदिशा । मिनी जगन्नाथपुरी के नाम से प्रसिद्ध जिले के मानोरा ग्राम में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा धूमधाम से निकली। मंगलवार अलसुबह रथ यात्रा शुरू हुई। भगवान जगन्नाथ के साथ बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा को रथ पर नगर भ्रमण कराया गया। रथयात्रा धीरे-धीरे आगे बढ़ती हुई मुख्य मंदिर परिसर में पहुंची। इस बीच रथ पर सवार भगवान जगन्नाथ, बलराम और बहन सुभद्रा के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालु अपने हाथों से रथ को खींचते हुए आगे बढ़ा रहे थे। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु मानोरा पहुंचे। रथ यात्रा के अवसर पर मानोरा में तीन दिवसीय मेले की शुरुआत हुई है। मेला बुधवार शाम तक जारी रहेगा। इस दौरान प्रशासन ने 21 जून तक यातायात व्यवस्था में भी परिवर्तन किया है। भोपाल-सागर नेशनल हाइवे से भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है, भारी वाहनों को भोपाल से रायसेन होते हुए सागर की ओर रवाना किया जा रहा है। इधर विदिशा में भी रथ यात्रा निकाली गई। किला अंदर से सुबह करीब 11 बजे रथ यात्रा शुरू हुई यहां श्रद्धालु बड़ी-बड़ी रस्सियों से रथ को खींचते हुए आगे बढ़ा रहे थे।
क्या है मनोरा मंदिर का महत्व
मनोरा राम मंदिर समिति के अध्यक्ष भगवान सिंह रघुवंशी बताते हैं मानोरा मंदिर का इतिहास करीब 190 वर्ष पुराना है। उस वक्त मानोरा के जमींदार रहे सेठ मानक चंद और उनकी पत्नी पद्मावती ने संतान सुख के लिए पैदल उड़ीसा जाकर जगन्नाथ भगवान के दर्शन करने का निर्णय लिया था। वे गांव से पैदल निकल गए थे ऐसी मान्यता है कि उनकी इस कठिन भक्ति को देखकर भगवान जगन्नाथ स्वामी ने रास्ते में उन्हें दर्शन दिए साथ ही उन्हें वापस लौट जाने को कहा और गांव में ही मंदिर बनवाकर भगवान की प्रतिमा स्थापित करने को कहा। ऐसी मान्यता है कि यहां प्रतिमाएं स्वयंभू प्रकट हुई थी। हर साल रथ यात्रा के दिन जब जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा कुछ समय के लिए रुक जाती है तब वहां कहा जाता है कि भगवान अभी मनोरा गए हैं।