भोपाल  ।  चक्रवात बिपर्जय कम दबाव के क्षेत्र के रूप में दक्षिण उत्तर प्रदेश और उससे लगे मध्य प्रदेश में बना हुआ है। इसके असर से ग्वालियर-चंबल संभाग में चौथे दिन वर्षा होती रही। गुरुवार सुबह तक सबसे अधिक छह सेमी वर्षा दतिया में दर्ज की गई। वहीं, ग्वालियर में तीन मिमी की वर्षा को गुरुवार दिन भर में गति मिली और शाम तक 7.7 मिमी वर्षा और दर्ज की गई। मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह तक के लिए गुना, दतिया, बैतूल, सिवनी, डिंडौरी, शहडोल, बालाघाट और मंडला में भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। इस बीच बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के असर से मानसून आगे बढ़कर ओडिशा में प्रवेश कर चुका है। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि अगले दो से तीन दिनों में यह छत्तीसगढ़ और उससे लगे पूर्वी मध्य प्रदेश में प्रवेश कर सकता है।

मौसम विभाग के पूर्व विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो चुके बिपर्जय की गति बेहद धीमी हो चुकी है। इसके चलते यह लगातार उप्र और इससे सटे मप्र के हिस्से पर बना हुआ है। इसके असर से मप्र के अधिकतर हिस्सों में वर्षा हो रही है जैसा कि अनुमान था। वर्षा और नमी के चलते पूर्वी हिस्सों में भी तापमान गिरा है। दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में बनी मौसम प्रणाली भी आगे बढ़ रही है। अगले दो दिनों में प्रदेश में इसका असर दिखने लगेगा और बहुत संभावना है कि अगले दो से तीन दिनों में मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से से मानसून का प्रवेश हो जाए।