छत्तीसगढ़ के जांजगीर में ग्राम खोखरा के थवाईत परिवार के घर में ब्रह्म कमल का फूल खिला है. इस पौधे को मनोज थवाईत ने 18 साल पहले अपने घर के एक गमले में लगाया था. आपको बता दें कि इस पौधे में 12 साल बाद फूल खिलना शुरू हुआ. इसके बाद से हर साल 7-8 ब्रह्म कमल के फूल खिलते हैं. (रिपोर्टः लखेश्वर यादव)
ब्रह्म कमल का फूल मनोज थवाईत के घर में रविवार की रात को खिला. मान्यता ऐसी है कि जहां पर ब्रह्म कमल खिलता है, उस जगह को पवित्रता और शुभ माना जाता है. इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि और मां लक्ष्मी का निवास रहता है.
ब्रह्म कमल का पौधा लगाने वाले दिन इस पौधे में फूल खिला है. इस फूल से घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है. उन्होंने कहा ब्रह्म कमल का पौधा 18 साल पहले सन 2006 में लगाया था और इसमें पहला फूल 12 साल बाद खिला था. तभी से हर साल 6 से 7 ब्रह्म कमल के फूल खिलते हैं.
आपको बता दें कि यह फूल विशेष दिन जैसे नवरात्रि, विजयादशमी, हिंदू नववर्ष और ज्यादातर गुरुवार के दिन खिलता है. सबसे खास बात यह कि ब्रह्म कमल हमेशा रात के समय खिलता है. मनोज ने आगे बताया कि ब्रह्म कमल का फूल शाम के समय हल्का सा खिलना शुरू होता है और उसके 3-4 घंटे बाद यानि रात 12 बजे के समय फूल खिलना शुरू होता है.
उन्होंने कहा जब ब्रह्म कमल का फूल पूरा खिलता है, तब उसके अंदर ब्रम्हा जी का आसन और चारों तरफ पराग दिखते हैं. कुछ समय पूरा खिले रहने के बाद यह ब्रह्म कमल का फूल फिर से धीरे-धीरे सिकुड़ना शुरू हो जाता है. इसके बाद सूर्योदय से पहले पूरी तरह से मुरझा (सिकुड़) जाता है. इसको फूलने और बंद होने में कुल 7 से 8 घंटे लगते हैं. जब यह फूल खिलता है, तो उसमें आस-पास चंदन की तरह महक आती रहती है.
ब्रह्म कमल अपने आप में एक विशेष महत्व महत्व रखता है. मनोज थवाईत ने बताया जबसे उनके घर में ब्रह्म कमल का फूल खिलता है. तब से उन्नति के रास्ते खुल रहे हैं और पॉजिटिव एनर्जी भी मिलती है. इस ब्रह्म कमल में मां लक्ष्मी का वास होता है और स्वयं भगवान ब्रह्मा जी निवास करते हैं. इसके दर्शन मात्र से ही इच्छा भी पूरी हो जाती है. उन्होंने कहा बताया कि ब्रह्म कमल जब खिलना शुरू होता है, तब धूप अगरबत्ती दीपक और श्रीफल चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए और ऐसी मान्यता है कि खिलते हुए ब्रह्म कमल के सामने शांत मन से बैठकर जो भी मन्नत मांगी जाती है, वह पूरी हो जाती है.