इस्लामाबाद | जम्हूरी वतन पार्टी के नेता और बलूचिस्तान में सुलह और सद्भाव पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (एसएपीएम) के विशेष सहायक शाहजैन बुगती ने रविवार को प्रांत में विकास की कमी का हवाला देते हुए संघीय मंत्रिमंडल से अपने इस्तीफे की घोषणा की। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के साथ इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। इससे पहले रविवार को बिलावल ने बुगती से उनके आवास पर मुलाकात की, जहां दोनों ने देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा की।

बलूचिस्तान में स्थायी शांति और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए असंतुष्ट बलूच आदिवासियों के साथ बातचीत करने का फैसला करने के तुरंत बाद पाक प्रधानमंत्री ने पिछले साल जुलाई में बुगती को अपना विशेष सहायक नियुक्त किया था। पीएम इमरान ने उन्हें सरकार की ओर से नाराज बलूच आदिवासियों से बातचीत करने का जिम्मा सौंपा था।

उनका इस्तीफा प्रधानमंत्री के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव से पहले बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच आया है।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बुगती ने कहा कि सरकार बलूचिस्तान में काम करने में विफल रही है।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्रिमंडल से इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, "संघीय सरकार ने हमें उम्मीद बंधाई कि चीजें बेहतर होंगी, लेकिन लोग निराश हुए हैं।"

अपनी शिकायतों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री पहली बार सत्ता में आए तो उन्होंने दक्षिण बलूचिस्तान और अल्प विकसित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया था। लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे।

एमएनए ने यह भी आरोप लगाया कि पीटीआई सरकार के कार्यकाल के दौरान उसकी लापरवाही के कारण उग्रवाद बढ़ा।

रिपोर्ट के मुताबिक, बुगती ने कहा, "मैंने दीवार पर सिर पटकने के अलावा सब कुछ किया है। इमरान खान कहते हैं कि हर कोई भ्रष्ट है। (लेकिन) लोगों के सामने सबूत तो रखो, वे तय करेंगे। लेकिन आप गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।"