भूल से हो गया है पाप तो पापमोचनी एकादशी पर पा सकेंगे मुक्ति! जानें कब रखा जाएगा व्रत, उपाय
साल भर में कुल 24 एकादशी आती हैं. हर महीने में दो एकादशी व्रत रखे जाते हैं. एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरा शुक्ल पक्ष में. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित रहता है. वहीं, मान्यता है कि चेत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी कहते हैं. इस दिन व्रत रखकर तुलसी पूजा कर विष्णु भगवान की आराधना करने से सभी प्रकार के पाप ब्रह्म हत्या, भोग-विलास, मद्यपान आदि नष्ट हो जाते हैं.
कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को व्रत रखा जाएगा. हिंदू धर्म में पापमोचनी एकादशी का खास महत्व है. ऐसी मान्यता है कि अगर जातक के जीवन में भूलवश किसी प्रकार का पाप हो गया है, तो इस दिन व्रत रखकर विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से वो पाप नष्ट हो जाता है. मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है. पापमोचनी एकादशी पर तुलसी पूजन का भी खास महत्व है.
कब है एकादशी तिथि
चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 4 अप्रैल की शाम 4 बजकर 16 मिनट से शुरू होने जा रही है. इस तिथि का समापन 5 अप्रैल दोपहर 2 बजकर 55 मिनट पर होगा. उदया तिथि को मानते हुए पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा. इस दिन तुलसी पूजन का खास महत्व है, इसलिए तुलसी पूजन का शुभ मुहूर्त 5 अप्रैल को 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक रहने वाला है. यह मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त है.
साल भर में कुल 24 एकादशी आती हैं. हर महीने में दो एकादशी व्रत रखे जाते हैं. एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरा शुक्ल पक्ष में. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित रहता है. वहीं, मान्यता है कि चेत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी कहते हैं. इस दिन व्रत रखकर तुलसी पूजा कर विष्णु भगवान की आराधना करने से सभी प्रकार के पाप ब्रह्म हत्या, भोग-विलास, मद्यपान आदि नष्ट हो जाते हैं.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Local 18 को बताया कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को व्रत रखा जाएगा. हिंदू धर्म में पापमोचनी एकादशी का खास महत्व है. ऐसी मान्यता है कि अगर जातक के जीवन में भूलवश किसी प्रकार का पाप हो गया है, तो इस दिन व्रत रखकर विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से वो पाप नष्ट हो जाता है. मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है. पापमोचनी एकादशी पर तुलसी पूजन का भी खास महत्व है.
कब है एकादशी तिथि
चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 4 अप्रैल की शाम 4 बजकर 16 मिनट से शुरू होने जा रही है. इस तिथि का समापन 5 अप्रैल दोपहर 2 बजकर 55 मिनट पर होगा. उदया तिथि को मानते हुए पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा. इस दिन तुलसी पूजन का खास महत्व है, इसलिए तुलसी पूजन का शुभ मुहूर्त 5 अप्रैल को 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक रहने वाला है. यह मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त है.