स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और मजदूर नेता का. कृष्णा मोदी का निधन

बैतूल।
मजदूर आंदोलन के अग्रणी नेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का. कृष्णा मोदी का शनिवार को निधन हो गया। वे 97 वर्ष के थे। शनिवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें जिला अस्पताल बैतूल लेकर पहुंचे। जांच में हार्ट प्रॉब्लम सामने आई। डॉक्टरों ने नागपुर रेफर करने की तैयारी शुरू की, लेकिन इलाज के दौरान ही उनका निधन हो गया। निधन के बाद परिजन उनका पार्थिव शरीर पाथाखेड़ा ले गए, जहां रविवार को अंत्येष्टि की जाएगी।
कर्मठ जीवन मजदूरों के हित में समर्पित रहा
का. कृष्णा मोदी ने अपना पूरा जीवन मजदूरों और श्रमिकों के हक में संघर्ष करते हुए बिताया। वे ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के वरिष्ठ नेता रहे। मध्यप्रदेश में करीब 20 वर्षों तक एटक के अध्यक्ष पद पर कार्य किया। एक बार एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी चुने गए। साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मध्यप्रदेश सचिव पद पर भी सेवाएँ दीं।
कई राष्ट्रीय मंचों पर मजदूरों का प्रतिनिधित्व किया
कोल इंडिया में मजदूरों के वेतन निर्धारण के लिए गठित जेबीसीसीआई (ज्वाइंट बाइपार्टीट कोलिंग कमेटी) के सदस्य भी रहे। इंडियन माइन वर्कर फेडरेशन के अध्यक्ष पद पर भी लंबे समय तक मजदूरों की आवाज बुलंद करते रहे। देशभर के मजदूर संगठनों में उनका विशेष सम्मान था।
14 वर्ष की उम्र में स्वतंत्रता संग्राम में कदम रखा
श्रमिक नेता व एटक के प्रदेश अध्यक्ष हरिद्वार सिंह ने बताया कि बालाघाट जिले के वारासिवनी गांव में जन्मे का. मोदी ने मात्र 14 वर्ष की आयु में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेना शुरू कर दिया था। स्कूल के दिनों में उन्होंने आंदोलनकारियों के साथ मिलकर अंग्रेजी शासन के खिलाफ आगजनी की थी। इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत से बचने के लिए वे अंडरग्राउंड हो गए। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रमाण पत्र के बाद उन्हें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा प्राप्त हुआ।
आजादी के आंदोलन से गहरा जुड़ाव रहा
कांग्रेस नेता मोहम्मद इलियास ने बताया कि मोदी जी ने एक बार उन्हें बताया था कि उनके बड़े भाई की गांव में चाय की दुकान थी, जहाँ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गुप्त बैठकें हुआ करती थीं। यहीं से उन्हें आंदोलन की प्रेरणा मिली। एक बार अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन थाने का घेराव कर आंदोलनकारियों ने उन्हें छुड़ाया था।
मजदूर हितों के लिए राष्ट्रीय मंचों पर उठाई आवाज
का. मोदी ने मजदूरों के वेतन, अधिकार और कल्याण के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर मजदूरों के हितों की लगातार पैरवी की। उनका पूरा जीवन मजदूरों के संघर्ष के प्रति समर्पित रहा।
संघर्षमय और सादगीपूर्ण जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एसकेएमएस) एटक के महासचिव अजय विश्वकर्मा ने कहा कि का. मोदी का मजदूरों के हित में किया गया योगदान सदैव याद रखा जाएगा। एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश अध्यक्ष हरिद्वार सिंह ने भी गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि का. मोदी का संघर्षमय और सादगीपूर्ण जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।