अलेप्पो। विद्रोहियों ने सीरिया के प्रमुख शहर अलेप्पो में कब्जा कर लिया है, इसके साथ ही सीरिया गृह युद्ध ने एक नया मोड़ ले लिया है। इसके साथ ही 2016 के बाद पहली बार अलेप्पो सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गया है।  
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीरिया में गृह युद्ध के बीच विद्रोही गठबंधन ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो पर हमला कर अचानक से कब्जा कर लिया है। बताया जा रहा है कि साल 2016 के बाद यह पहली बार हुआ है जबकि अलेप्पो का कोई हिस्सा सरकार के नियंत्रण से छूट गया हो। इससे लंबे समय से जारी संघर्ष में नया गतिरोध पैदा कर दिया है। यहां बताते चलें कि साल 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान सीरिया में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों की शुरुआत हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने सत्तावादी राष्ट्रपति बशर अल-असद को हटाने की मांग की। इन प्रदर्शनों को बलपूर्वक दबाने के बाद सशस्त्र संघर्ष ने जन्म लिया। धीरे-धीरे छोटे-छोटे विद्रोही समूहों का गठित हुए थे। इनमें से कुछ को पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों का समर्थन मिला। विद्रोहियों को तुर्की, सऊदी अरब, और अमेरिका का समर्थन मिला, जबकि असद सरकार को रूस और ईरान ने सैन्य सहायता प्रदान की।
नए विद्रोही गठबंधन का नेतृत्व हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) कर रहा है, जिसे पहले अल-नुसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता रहा। यह समूह पहले अल-कायदा से जुड़ा हुआ था, अब इसने विद्रोहियों के विभिन्न धड़ों को एकजुट किया है। अलेप्पो पर कब्जा इस गठबंधन के ताकतबर होने और सरकार के खिलाफ बढ़ते विरोध के तौर पर देखा जा रहा है। अलेप्पो, जो कभी सीरिया की आर्थिक राजधानी हुआ करती थी, 2016 में असद सरकार के नियंत्रण में आ गया था। इस शहर में विद्रोही गुटों की मौजूदगी रही। अब विद्रोही ताकतों का इसे फिर से अपने कब्जे में लेना सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस परिवर्तन ने सीरिया के भविष्य को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। 
इस गृह युद्ध के दौरान सीरिया में अब तक लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों की संख्या करीब तीन लाख से ज्यादा बताई जा रही है, वहीं करीब 60 लाख लोग शरणार्थी बनकर देश छोड़ चुके हैं। गौरतलब है कि सीरिया में 2014 के बाद विद्रोहियों में चरमपंथी गुटों का वर्चस्व हो गया था, जिससे आईएसआईएस जैसे संगठन भी उभरकर सामने आए थे। वैसे अंतरराष्ट्रीय दबाव और प्रयासों के साथ ही कुर्द लड़ाकों की मदद से इनका प्रभाव कम कर दिया गया है, लेकिन हाल ही में अलेप्पो पर कब्जा होना सीरिया में नए संघर्षों को जन्म देने जैसा है। मौजूदा घटनाक्रम न केवल असद सरकार की शक्ति को चुनौती देने जैसा है, बल्कि क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय हितों के बीच नई जटिलताएं भी उत्पन्न कर सकता है।