मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद ममता बनर्जी का दो दिवसीय दौरा, प्रशासनिक बैठक और मदद की उम्मीद

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. हिंसा के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 5 मार्च को पहली बार मुर्शिदाबाद के दौरे पर जा रही हैं. ममता बनर्जी प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकती हैं. राज्य प्रशासन ने मुख्यमंत्री के संभावित दौरा कार्यक्रम की भी घोषणा कर दी है.
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार उनका पांच मई को सुती विधानसभा क्षेत्र के चापघाटी मैदान में प्रशासनिक बैठक करने और फिर अगले दिन शमसेरगंज के हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करने का कार्यक्रम है. इस संदर्भ में, प्रभावित परिवार पैकेज की उम्मीद कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री की प्रशासनिक बैठक की अंतिम तैयारियां चल रही हैं. सभा स्थल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. क्षेत्र में सड़क मरम्मत का कार्य चल रहा है.
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री के दौरे की पुष्टि होने के बाद प्रभावित आम लोगों में उम्मीद की किरण जगी है. विशेष रूप से वे दुकानदार जिनकी दुकानों में तोड़फोड़ की गई है और जिनके घर नष्ट हो गए हैं, वे मुख्यमंत्री के दौरे का इंतजार कर रहे हैं.
पांच मई को ममता का मुर्शिदाबाद का दौरा
जिला प्रशासन के एक सूत्र के अनुसार, भले ही वह 5 मई को मुर्शिदाबाद जाएंगी, लेकिन उस दिन उनका कोई नियमित कार्यक्रम नहीं होगा. उस दिन वह बहरमपुर के सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगी. अगले दिन, 6 मई को ममता बनर्जी का सड़क मार्ग से जंगीपुर के शमशेरगंज जाने का कार्यक्रम है. वह वहां कुछ गांवों में जाएंगी. उसके बाद धुलियान में कार्यक्रम है. इसके बाद मुख्यमंत्री उसी दिन दोपहर 2 बजे कॉटन प्रिंटिंग ग्राउंड में प्रशासनिक बैठक लेंगी.
सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने मुख्यमंत्री के मुर्शिदाबाद दौरे से पहले हालिया हिंसा से प्रभावित लोगों की सूची तैयार कर ली है. शमसेरगंज में प्रभावित परिवारों को उनके घरों की मरम्मत के लिए पहले ही टिन, पाइप, लोहे की छड़ें और 10 बोरी सीमेंट दी जा चुकी है. सरकारी सहायता मिलने के बाद कई लोगों ने घरों और दुकानों की मरम्मत शुरू कर दी है.
हिंसा प्रभावित लोगों को सरकारी सहायता की उम्मीद
हालांकि, कई लोगों के लिए यह मदद पर्याप्त नहीं है. उनकी मांग है कि राज्य सरकार को क्षति की सीमा के आधार पर एक पूर्ण वित्तीय मुआवजा पैकेज की घोषणा करनी चाहिए, न कि केवल एक छोटी राशि की आपातकालीन सहायता की घोषणा करनी चाहिए. जिस तरह मुख्यमंत्री अन्य घटनाओं में पीड़ितों के साथ खड़ी हैं, उसी तरह मुर्शिदाबाद के जंगीपुर उपखंड के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के निवासी सरकारी सहायता की उम्मीद कर रहे हैं.