बैतूल। जिले के घोड़ाडोंगरी और भैंसदेही विधानसभा के एक दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों ने आज से।कलेक्ट्रेट के।पास धरना शुरू कर।दिया है। वे वनाधिकार कानून के तहत जमीनों के पट्टे न मिलने और सड़को ,पुल पुलियाओं की मांग पूरी न होने से नाराज है। ग्रामीणों ने उन्हें फिर से गुलाम घोषित करने तक की मांग कर डाली है।

श्रमिक आदिवासी संगठन और समाजवादी जन परिषद के बैनर तले कलेक्ट्रेट के पास जिला उद्योग केंद्र के सामने आज सैकड़ो ग्रामीण जुटे है।।इनमे घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के रैनी पाठी, मढ़का ढाना,सैंया गुड़ी के अलावा कई अन्य गांव के आदिवासी ग्रामीण शामिल है। जबकि भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र के बोड़ रैय्यत, पीपल बर्रा और उसके आसपास के गांव वाले शामिल है। ग्रामीणों ने अपने धरना स्थल पर एक।खास बैनर लगाया हुआ है।जो आने जाने वालों का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है। जिसमें।लिखा है हम आदिवासियों को फिर से गुलाम घोषित कर।दो।।आदिवासियों का एक।और बैनर है ।अगर आजाद देश का कानून।और कोर्ट का आदेश नहीं मानना है तो सरकार हम आदिवासियों को फिर से गुलाम घोषित कर दे।।

 

पट्टे न मिलने की समस्या, सड़क।,बिजली नहीं

 

धरने की अगुवाई कर रहे राजेंद्र गढ़वाल ने बताया कि धरने में एक दर्जन आदिवासी गांवों के ग्रामीण शामिल है। यह लोग वर्षों से वन अधिकार कानून के तहत पट्टों की मांग कर रहे है।वन क्षेत्रों को काश्तकारी लायक जमीनों पर इनके पीढ़ियों से कब्जे है।लेकिन।अधिकारी इनके कब्जे को मान्यता न देकर इन्हें अब भी अतिक्रमण कारी ही मान रहे है।इसलिए जब तक इनकी जमीनों।से।इन्हें हटाने अधिकारी पहुंच जाते है।जबकि उनके कब्जो को पट्टे देकर नियमित किया जाना चाहिए। धरने।पर बैठी बोङ की।भूरी यादव ने बताया कि उनका गांव बारिश के दिन।कालापानी बन जाता है।गांव के करीब।से बहने वाली नदी गांव का रस्ता रोक।देती है।।ऐसे में बीमार हो या स्कूली बच्चे कोई गांव से बाहर नहीं जा पाते।वे।वर्षों से पुल बनाने की मांग कर रहे है।

 

शहर।रैली,नींद हराम करेंगे

 

ग्रामीणों ने बताया कि वे अनिश्चितकालीन।धरने के लिए बैतूल पहुंचे हैं। वे यहां शहर।रैली भी निकालेंगे और।अधिकारियों के बंगले पर जाकर नींद हराम आंदोलन भी करेंगे।।