जापान की राजधानी टोक्यो में छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र के सतारा से शुरू हुई इंडो-जापान शिव स्वराज रथ यात्रा बैतूल पहुंची, जहां स्थानीय समाजसेवियों ने इसका भव्य स्वागत किया।

स्टेनलेस स्टील और विशेष फाइबर से निर्मित साढ़े आठ फुट ऊंची यह प्रतिमा, जिसमें शिवाजी महाराज घुड़सवार मुद्रा में हैं, पुणे के मूर्तिकार विवेक खटवाकर द्वारा बनाई गई है। सामाजिक संस्था एसआईओ और अम्मी पुणेकर के नेतृत्व में जनसहयोग से बनी यह प्रतिमा अब तक 2,500 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुकी है।

यात्रा के मुख्य सलाहकार उत्तम राव मांढरे ने बताया कि पिछले वर्ष संस्था ने श्रीनगर से 350 किलोमीटर दूर कश्मीर बॉर्डर पर 12 फुट ऊंची शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की थी। इसकी सफलता के बाद, जापान में भारतीय मूल के योगेंद्र पुराणिक के आमंत्रण पर टोक्यो में प्रतिमा स्थापना का निर्णय लिया गया। जापान सरकार से आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर ली गई हैं।

यात्रा का शुभारंभ शिवाजी महाराज के वंशज उदयन राजे भोंसले ने किया। यह यात्रा कोंकण और गोवा होते हुए दिल्ली में समाप्त होगी। बैतूल में स्वागत करने वालों में संदेश खळतकर, योगेश गायकवाड़, गुड्डू जेन्दे, कुनबी समाज के जिलाध्यक्ष दिनेश महसकी और राकेश शर्मा सहित कई गणमान्य लोग शामिल थे। यात्रा में मंगेश मांढरे और सिद्धू सोनकर भी साथ चल रहे हैं।