पूर्व मंत्री पांसे की अनूठी मांग: प्रशासन से मांगी रेत मंडी के लिए जमीन, प्रदेश में कहीं नहीं है ऐसी मंडी

बैतूल। कृषि मंडी,सब्जी मंडी,फल या जानवरों की मंडी जैसी व्यवस्थाओं के बीच प्रदेश के पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने एक अलग ही मंडी की मांग की है।उन्होंने कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर बैतूल में रेत की मंडी खोलने की मांग कर डाली है। हालाकि अधिकारी बता रहे है कि उन्होंने आज तक ऐसी मंडी नहीं देखी है।लेकिन डंपर मालिक इसके फायदे गिना रहे है।
पूर्व मंत्री की ओर से कलेक्टर बैतूल को एक आवेदन पेश कर जिले में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए रेत मंडी स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है। इस संबंध में उन्होंने 2 एकड़ भूमि आवंटित करने की मांग की है। सुखदेव पांसे ने कहा कि बैतूल जिले में व्यापारियों और संबंधित पक्षों के लिए रेत मंडी का संचालन आवश्यक है, जिससे व्यापार सुचारू रूप से चल सके। उन्होंने सुझाव दिया कि यह मंडी शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थापित की जाए, ताकि व्यापारियों को अधिकतम सुविधा मिल सके और यातायात व्यवस्था पर कोई प्रभाव न पड़े। उन्होंने बताया कि रेत मंडी के संचालन से व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही इससे जुड़े सभी कार्यों में दक्षता आएगी। इस आवेदन की प्रतिलिपि मुख्य डायरेक्टर खनिज, राजस्व मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल, जिला खनिज अधिकारी बैतूल और नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर को भी भेजी गई है।
डंपर मालिकों ने किया समर्थन
पूर्व मंत्री की इस मांग का डंपर मालिकों ने समर्थन किया है। डंपर मालिक संघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार दीवान ने बताया कि इससे रेत के रेट कम हो जाएंगे। खदान मालिक जिस तरह मनमाने दाम पर रेत बेच रहे है।उससे भी राहत मिलेगी।सबसे बड़ी समस्या डंपर मालिकों के साथ यह है कि रॉयल्टी होने के बावजूद उनके वाहन पकड़ लिए जाते है।जब गाड़ी सीधे खदान से मंडी में।पहुंचेगी तो यह समस्या भी खत्म हो जाएगी।
इस मामले में।खनिज विभाग के उप संचालक मनीष पालेवार ने बताया कि प्रदेश में अब तक ऐसी कोई मंडी नहीं है। हां कुछ शहरों में।इसके वाहनों को खड़ा करने के स्थान नियत जरूर है। यह कलेक्टर पर निर्भर करता है कि वे इसके।लिए स्थान उपलब्ध करवा दे।।