Cyber security: SP का अलग अंदाज,स्कूली बच्चों को पढ़ाते नजर आए साइबर सिक्युरिटी का पाठ,

बैतूल। बढ़ते साइबर अपराधों और डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती वारदातों के बीच बैतूल एसपी का नया अंदाज देखने को मिला है। आजकल वे स्कूली बच्चों के बीच जाकर साइबर जागरूकता की पाठशाला लगा रहे है। जिले भर के स्कूलों में जाकर वे रोज स्कूली बच्चों को साइबर ठगी से बचने के लिए इसके तरीके बता रहे है।
बैतूल एसपी यहां शिक्षक की भूमिका में नजर आ रहे है। स्कूलों में जाकर वे साइबर अपराध से बचाव की दी जानकारी दे रहे है। उनके यह पाठ पढ़ाने के अंदाज से छात्र भी इन अपराधों से बचने की बारीकियों को सीख रहे है। कई कक्षाओं में उन्होंने बच्चों को बताया कि किस प्रकार ऑनलाइन ठगी, फिशिंग, फ़ेक ऐप्स, और अन्य साइबर खतरों से बचा जा सकता है। उन्होंने छात्रों को उनके परिवार और आस-पास के लोगों को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की अपील की। इस दौरान वे
छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी कर रहे है।
स्कूलों में वे साइबर अपराध के साथ-साथ नशा मुक्ति के लिए भी बच्चों को जागरूक कर रहे है। एसपी ने नशे से होने वाले शारीरिक, मानसिक और सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए छात्रों से नशे से दूर रहने और अपने आस-पास के लोगों को भी इससे बचने की प्रेरणा देने की अपील की।
एसपी ने चलाए कई अभियान
एसपी ने जिले भर में सड़क सुरक्षा, साइबर जागरूकता और नशा मुक्ति अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत थानों के पुलिस अधिकारी स्कूलों में जाकर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन की मदद से छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा, साइबर अपराधों, और यातायात नियमों के प्रति जागरूक कर रहे है। इस दौरान जंक्शनों पर वाहन धीमा करने और हाईवे पर सुरक्षित प्रवेश के उपाय बता रहे है।
साइबर एक्सपर्ट है एसपी
बैतूल एसपी निश्चल एन झारिया साइबर अपराधों के एक्सपर्ट रहे है। वे तीन साल तक एसपी साइबर भी रहे है। उनके भोपाल में पदस्थापना के दौरान प्रदेश का पहला और देश का चौथा साइबर थाना शुरू किया गया था। श्री झारिया ने दैनिक भास्कर से चर्चा में बताया कि उन्होंने भोपाल में रहते हुए खुद पुलिस महानिदेशक से साइबर में पोस्टिंग मांगी थी। इस समय एडीजी अशोक दोहरे एडीजी साइबर थे। उनके साथ उन्होंने लंबे समय सेवा की है।।इस दौरान साइबर अपराध पर कई नेशनल लेवल की ट्रेनिंग करने का मौका मिला। 10 साल पहले इन।प्रशिक्षणों के दौरान ही उन्हें यह अहसास हो गया था कि साइबर अपराध भविष्य में खतरनाक रूप ले लेगा। आज हम।देखते है कि इसमें बीते कई सालों में 80 फीसदी की उछाल आई है। वे बताते ही की उस समय भी हमने कई जिला में रोजा नाम ऑनलाइन सिक्यूरिटी अवेयरनेस का अभियान चलाया था। उस समय
मारिया कुमार एडीजे सायबर थे।