बैतूल। नई दिल्ली चेन्नई रेल मार्ग पर रविवार बैतूल के बरबतपुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रेक धंसने की बड़ी घटना हुई है। जिसके चलते कई रेल गाड़ियो को रोककर ट्रेक पर सुधार कार्य करना पड़ा। यह वही स्थान है।जहां साल 2013 में पूरा रेलवे ट्रेक ही माचना नदी में बह गया था। इस घटना से हड़कंप मचा हुआ है। नागपुर से पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियर्स ने मौका मुआयना किया है। अधिकारी यहां कैम्प किए हुए है।

 

रेलवे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बैतूल से इटारसी की ओर जाने वाले रेलवे ट्रेक के खंबा नंबर 802/29 के पास अप ट्रेक के धंसने की घटना हुई है। इसका पता तब चला जब हिमसागर एक्सप्रेस के गुजरते हुए लोको पायलट ने यहां झटका महसूस किया। पायलट ने इसकी जानकारी रेल प्रबंधन को दी। मौके पर मुआयना करने पर पता चला की 2013 में यहां हुए हादसे के बाद बनाई गई नालियों का पानी ट्रेक के बीच से होकर गुजर रहा था। यह पानी ट्रेक के अंदर कहां जा रहा था।किसी को नहीं पता। रात में हुई तेज बारिश के चलते भारी तादाद में यह पानी ट्रेक अप और डाउन ट्रेक के बीच से ही बहा जिसके कारण ट्रेक के पास की गिट्टी पत्थर बह गए। यह पता चलते है। रेलवे के डीईएन, ए डी ई एन ने मौके का मुआयना किया।

 

युद्ध स्तर पर चला काम

 

घटना की जानकारी मिलने के बाद रेलवे ने यहां युद्धस्तर पर काम शुरू करवाया।तीन जेसीबी मशीनें ट्रेक पर उतारी गई।इस दौरान मलबा लाकर यहां डलवाया गया। इस दौरान तीन बार रेल प्रबंधन को यहां ब्लाक भी लेना पड़ा। इस दौरान कोई ट्रेन यहां से गुजारी नही गई। सैकड़ो मजदूर,और रेलवे कर्मचारी यहां दिन भर काम करते रहे।अभी भी कार्य जारी है।

 

10 साल पहले हुआ था हादसा

 

10 साल पहले साल 2013  में यहां भारी बारिश के बाद रेलवे ट्रेक के नीचे की पूरी मिट्टी बह गई थी।ट्रेक हवा में झूल गया था। तब तत्कालीन डीआरएम ब्रजेश दीक्षित खुद मौके पर पहुंचे थे।यहां सुधार कार्य पर करोड़ों रु खर्च किए गए थे। हादसे के समय माचना नदी ने अपना रास्ता बदल लिया था।जिससे नदी का पानी पुल के ऊपर से ट्रेक से गुजरा था। इसके बाद रेल प्रबंधन ने यहां बड़ी बड़ी नालियां बनवाकर पानी का रुख नदी की तरफ मोड़ने का प्रयास किया था। 

 

 

ट्रेनें हुई लेट

 

इस घटना के बाद इटारसी ओर जाने वाली समता एक्सप्रेस 2 घंटे देरी से चली। जबकि भगत की कोठी एक्सप्रेस  डेढ़ घंटे इसके अलावा भी कुछ अन्य यात्री गाड़ियां देरी से चलाई  गई। जबकि डाउन ट्रेक से गुजरने वाली गाड़ियों को भी रोक कर यहां से रवाना किया गया है।इस दौरान गाड़ियों की स्पीड 30 किमी प्रति घंटा तय की गई।अभी भी यहां काशन ऑर्डर जारी है। 

अधिकारियो ने कहा ड्रेन कोलेप्स हो गई

 

इस मामले में रेलवे का अधिकृत बयान लेने के लिए हमने मध्य रेल नागपुर के पीआरओ से संपर्क किया लेकिन उन्होंने इससे अनभिज्ञता जताते हुए जानकारी लेने की बात की।बाद में उन्होंने कॉल रिसीव नही किया। सहायक डिविजनल इंजीनियर सोनल बेसेकर ने बताया की यहां अप लाइन में कटाव हो गया था। पानी निकालने के लिए बनाई गई ड्रेन कोलेपस हो गई थी। इस वजह से यहां अप और डाउन लाइन के बीच कटाव आ गया था। दोनो ट्रेक के बीच यह समस्या हुई थी।। ट्रेक में धंसाव हुआ था।लेकिन यह कम था। अभी भी यह ठीक नही हुआ है। इसलिए यहां काशन ऑर्डर लगाकर ट्रेन गुजारी जा रही है। इसमें अभी दो तीन दिन और लगेंगे। ट्रेक में धंसाव की जानकारी मिलने के बाद गाडियां रोकी गई थी।