नए कानूनों के खिलाफ बैतूल में वकीलों ने खोला मोर्चा,चक्काजाम कर विरोध जताया

बैतूल। 1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए कानूनों के खिलाफ आज बैतूल में वकील सड़क पर उतर आए। उन्होंने यहां बस स्टैंड पर सांकेतिक चक्काजाम किया। करीब 15 मिनट तक विरोध प्रदर्शन के बाद उन्होंने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर कानूनों।पर पुनर्विचार की मांग की।
जिला अधिवक्ता संघ के बैनर तले आज वकील बैतूल कोर्ट से निकलकर बस स्टैंड पहुंच गए यहां उन्होंने आने जाने वाली बसों का रास्ता रोक लिया।जिसके चलते यहां चक्काजाम की स्तिथि बन गई। इस दौरान पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अमले ने मौके पर पहुंचकर वकीलों को समझाइश दी। जिसके बाद वकीलों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौपा जिसमे कानूनों पर पुनर्विचार की मांग की गई है।
यह सौंपा ज्ञापन
01 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू किये जाने
वाले तीन नये कानूनों पर पुनर्विचार किये जाने की मांग का ज्ञापन सौंपते हुए संघ के अध्यक्ष संजय कुमार मिश्रा ने कहा की तीनों नए कानून अपराधियों को संरक्षण देने वाले है।इससे आम लोगो को कोई राहत नहीं मिलने वाली। अगर इस पर पुनर्विचार नही किया गया तो पूरे देश में इसका जमकर विरोध होगा।इसकी बैतूल से शुरुआत हो गई है।
यह है तीन नए कानून
भारतीय गृह मंत्रालय ने तीन नए आपराधिक कानूनों, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 को लागू करने की घोषणा की है। जो 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगे। ये विधेयक क्रमशः ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को निरस्त करते हैं।
नए कानून भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली में परिवर्तन करते हैं। इनका उद्देश्य पुराने औपनिवेशिक कानूनों को बदलन है, जिसमें पीड़ित केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से न्याय के कार्यान्वयन पर विचार करना, राष्ट्रीय सुरक्षा पर अधिक ध्यान देना और डिजिटल/इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य समीक्षा शुरू करना शामिल है। जिससे इन कानूनों को प्राथमिकता दी जा सके।