बैतूल। 'हम दो हमारे बारह' फिल्म में दर्शाए गए सीन और मुस्लिम समाज के खिलाफ कहे गए अपशब्दों के खिलाफ गुरुवार को मुस्लिम युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। शहर की सामाजिक एकता को बनाए रखने के उद्देश्य से "आवाज़ दो हम ज़िंदा हैं" ग्रुप ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए ज्ञापन सौंपा। उन्होंने "हम दो हमारे बारह" फिल्म में दर्शाए गए दृश्यों और मुस्लिम समाज के खिलाफ कही गई अपशब्दों व अमर्यादित टिप्पणियों के विरोध में फिल्म को बैन करने की मांग की है।

शिकायत में मुस्लिम युवाओं ने आरोप लगाया है कि "हम दो हमारे बारह" फिल्म में पवित्र कुरान की आयतों का गलत मतलब निकालकर मुस्लिम समाज के लोगों के दिलों को ठेस पहुंचाई गई है। उन्होंने बताया कि फिल्म में कुरान शरीफ की सूरतों का हवाला देकर मुस्लिम महिलाओं और माता-बहनों के बारे में अमर्यादित टिप्पणियां की गई हैं। यह फिल्म मुस्लिम समाज को बदनाम करने और समाज में अशांति फैलाने की साजिश का मकसद जाहिर करती है।

-- फिल्म के डायरेक्टर पर आरोप--

फिल्म के डायरेक्टर कमल चंद्रा पर आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने इस फिल्म के जरिए देश की एकता और भाईचारे को दूषित करने का प्रयास किया है। उनका कहना है कि इस फिल्म का उद्देश्य समाज में हिंसा और अशांति फैलाना है, जो अत्यंत दुखदाई और कष्टदायक है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि यह फिल्म मुस्लिम समाज को झूठी बातों के जरिए बदनाम करने के इरादे से बनाई गई है।

-- बैतूल में फिल्म पर रोक लगाने की मांग--

"आवाज़ दो हम ज़िंदा हैं" ग्रुप ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया है कि इस असामाजिक फिल्म को बैतूल शहर में रिलीज़ न होने दिया जाए। उनका कहना है कि ऐसी फिल्मों का समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए, जो समाज की शांति और भाईचारे को भंग करती हैं। शिकायतकर्ता राजा वकील ने बताया कि"हम दो हमारे बारह" फिल्म पर लगे आरोप गंभीर हैं और इससे बैतूल शहर में सामाजिक एकता और भाईचारे को खतरा हो सकता है। "आवाज़ दो हम ज़िंदा हैं" ग्रुप ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा इस फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन से यह स्पष्ट है कि समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री का कोई स्थान नहीं है और इसे तत्काल बैन किया जाना चाहिए। शहर की शांति और भाईचारा बनाए रखने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।