BSNL के खिलाफ अदालत में केस। 4G की सिम देकर सेवा नही दे रही कम्पनी

बैतूल। भारत सरकार के उपक्रम बीएसएनएल के खिलाफ स्थाई लोक अदालत में बैतूल के अधिवक्ता गिरीश गर्ग ने केस दर्ज कराया है। इसमें बीएसएनएल के डीजीएम और बिजनेस ऑपरेशन के जनरल मैनेजर को प्रतिवादी बनाया गया है। अधिवक्ता आरोप है की कम्पनी के नेटवर्क में काल ड्रॉप की समस्या से लेकर इंटरनेट स्पीड की दिक्कत से बीएसएनएल के उपभोक्ता परेशान हो रहे है।
अधिवक्ता गिरीश गर्ग ने बताया की यह आवेदन धारा 22 के तहत लगाया है। उनका आरोप है की दो साल।पहले बीएसएनएल ने उन्हे 4 जी (फोर्थ जनरेशन वायरलेस) मोबाईल कम्यूनिकेशन एवं ब्राडबेन्ड इन्टरनेट नेटवर्क की सुविधा देने के लिए 4 जी सिम दी थी। लेकिन यह 4 जी सुविधा उन्हे मिल ही नही पा रही है।।इससे मोबाईल कनेक्शन एवं सिम पर पर्याप्त इन्टनेट स्पीड ( 4 जी स्पीड), इन्कीज्ड बैंडविड्थ स्पीड एवं नेटवर्क कैपेसिटी नही मिल पाती है जिससे इन्टरनेट सर्फिग मे अत्यधिक समय लगता है वेब पेज खुलने में भी अत्यधिक समय लगता है। धीमी इन्टरनेट स्पीड से बी.एस. एन.एल के अन्य सेवा धारियो की काम करने की क्षमता एवं उत्पादकता भी प्रभावित होती है । संचार में अत्यधिक दिक्कते आती है कमजोर सिग्नल्स के कारण विडियो कॉल की स्पीड एवं क्वालिटी विपरीत रूप से प्रभावित होती है।।इन्टरनेट स्पीड धीमी होने से बैटरी रेडियेशन के अत्यधिक बढ जाने का खतरा हमेश मौजूद रहता है।
विभाग ने बताया बैतूल में है 4जी
श्री गर्ग ने बताया की उनके द्वारा पिछले 01/04/2024 को बीएसएनएल के सिविल लाईन्स स्थित कार्यालय में जाकर मौखिक रूप से भी 4 जी (फोर्थ जनरेशन वायरलेस) नेटवर्क की सुविधा एवं इन्टरनेट स्पीड प्रदान नही किये जाने के सन्दर्भ मे बातचीत / शिकायत की गई थी। जिस पर भी आवेदक को विभाग द्वारा यह बताया गया है कि वर्तमान में भी बैतूल में 4 जी (फोर्थ जनरेशन वायरलेस ) नेटवर्क की सुविधा एवं (फोर्थ जनरेशन वायरलेस) 4 जी (फोर्थ जनरेशन वायरलेस) मे प्रदत्त की जाने वाली इन्टरनेट स्पीड प्रदान नही जा रही है तथा 4 जी सुविधा प्रदान किये जाने हेतू वर्तमान मे कार्य प्रारम्भ है।