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अस्पताल के बेड पर लेटा बुज़ुर्ग बेहोशी की हालत में जनसुनवाई में पहुंचा, जानिए क्या है पूरा मामला

गुना। मध्य प्रदेश के गुना जिले में मंगलवार को हुई जनसुनवाई में एक अलग ही मामला सामने आया है। एक बुजुर्ग व्यक्ति को उनका परिवार अस्पताल के पलंग सहित लेकर पहुंच गया। बुजुर्ग के हाथ में ग्लूकोस की बोतल लगी हुई थी, वह पूरी तरह अचेत अवस्था में दिख रहा था और हालत इतनी खराब थी कि बुजुर्ग अपने पलंग से हिल भी नहीं पा रहा था। इस नजारे को देखकर जनसुनवाई में मौजूद अधिकारी हरकत में आए। बताया जा रहा है कि कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने तहसीलदार को बाहर भेजा, जिन्होंने परिवार से चर्चा की तो पता चला कि पूरा मामला जमीनी विवाद को लेकर झूठी एफआईआर से जुड़ा है।

 दरअसल, श्रीराम कॉलोनी निवासी लक्ष्मण जाटव पर बीते साल 2024 में जमीन की धोखाधड़ी सहित कई मामलों में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस प्रकरण में लक्ष्मण जाटव को करीब डेढ़ महीने जेल की काल कोठरी में रहना पड़ा। लक्ष्मण की जमानत हुई तो उनकी तबियत इतनी बिगड़ गई कि ब्रेन हेमराज हो गया और उच्च उपचार के लिए उज्जैन सहित अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। लक्ष्मण के परिजनों ने आरोप लगाया कि लक्ष्मण को शहर के तीन कॉलोनाइजरों द्वारा झूठा फंसाया गया था। इस केस का सदमा लक्ष्मण जाटव बर्दाश्त नहीं कर पाए। उनके उपचार में परिवार को अपना सबकुछ बेचना पड़ा है।

 इसलिए मंगलवार को पूरा परिवार एकजुट होकर लक्ष्मण को पलंग सहित जनसुनवाई में ले गया। परिजनों ने कलेक्टर से गुहार लगाई कि उन्हें आर्थिक सहायता राशि दिलाई जाए और जिन कॉलोनाइजरों द्वारा लक्ष्मण को झूठे केस में फंसाया गया है, उनके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई करवाई जाए। बताया जा रहा है कि तहसीलदार ने पीड़ित परिवार के दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं और जल्द से जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया है।

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